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Friday, December 23, 2022

दो साल में टाइपिंग न सीखी तो मृतक आश्रित कोटे के कर्मी होंगे पदावनत, संशोधित नियमावली जारी

दो साल में टाइपिंग न सीखी तो मृतक आश्रित कोटे के कर्मी होंगे पदावनत, संशोधित नियमावली जारी

दो वर्ष में टाइपिंग टेस्ट नहीं किया पास तो चतुर्थ श्रेणी में होंगे पदावनत


लखनऊ : राज्य सरकार की विधानमंडल के शीतकालीन सत्र सेवाओं में समूह 'ग' के जिन पदों के लिए टाइपिंग अनिवार्य है, उन पर मृतक आश्रित कोटे के तहत भर्ती किये गए कार्मिक यदि दो वर्ष में टाइपिंग का टेस्ट उत्तीर्ण नहीं कर पाते हैं तो उन्हें समूह 'घ' में पदावनत कर दिया जाएगा। कैबिनेट ने यह निर्णय करते हुए मृतक आश्रित सेवा नियमावली में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।

अभी राज्य सरकार की सेवाओं में समूह 'ग' के जिन पदों  के लिए टाइपिंग अनिवार्य अर्हता थी, उन पर मृतक आश्रित कोटे के तहत भर्ती हुए कार्मिकों को दो वर्ष में टाइपिंग टेस्ट उत्तीर्ण करना होता था। टाइपिंग टेस्ट उत्तीर्ण न कर पाने पर उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया जाता था । बर्खास्त किये जाने वाले कार्मिक प्रायः अदालत का  दरवाजा खटखटाते थे और सरकार मुकदमे झेलती थी। लिहाजा सरकार ने नियमावली में संशोधन करने का निर्णय किया है।



नियुक्ति के बाद दो साल में टाइप टेस्ट पास नहीं कर पाए तो चतुर्थ श्रेणी कर्मी बनाए जाएंगे बाबू

उप्र सेवाकाल मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों की नियमावली में संशोधन


लखनऊ। कैबिनेट ने मृतक आश्रित कोटे से समूह ग में नौकरी पाने वाले कर्मचारियों के लिए उप्र सेवाकाल मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों की भर्ती ( 13वां संशोधन) नियमावली 2022 को मंजूरी दे दी है। इसके तहत अब मृतक आश्रित कोटे से पास करना ही होगा। अगर वह ऐसा नौकरी पाने वालों को दो साल में टाइप टेस्ट नहीं पास कर पाते हैं तो उन्हें समूह ग से समूह घ में पदावनत कर दिया जाएगा


सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि सरकार के विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारियों-अधिकारियों की सेवाकाल के दौरान मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को समूह ग में नौकरी दी जाती है। वर्तमान व्यवस्था के तहत मृतक आश्रित कोटे में नौकरी पाने वालों को पहले साल में टाइप टेस्ट पास करना होता है। अगर वह ऐसा नहीं कर पाते तो उनकी एक वेतन वृद्धि रोकते हुए एक और मौका दिया जाता है। दो साल बाद भी टाइप टेस्ट पास नहीं करने पर उन्हें सेवा से बर्खास्त किया जाता है।


 प्रवक्ता ने बताया कि सेवा से बर्खास्त किए जाने पर परिवार पर भी संकट आता है और मामले न्यायालय में जाते है। इसलिए नियमावली में संशोधन करने के बाद अब उन्हें बर्खास्त नहीं किया जाएगा बल्कि उन्हें समूह ग से समूह घ में पदावनत कर दिया जाएगा।

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