Searching...
Sunday, November 27, 2022

बच्चों को अब हैसियत के अनुसार बुजुर्ग माता-पिता को देना होगा गुजारा भत्ता, भरण पोषण विधेयक फिर संसद में पेश करने की तैयारी

बच्चों को अब हैसियत के अनुसार बुजुर्ग माता-पिता को देना होगा गुजारा भत्ता, भरण पोषण विधेयक फिर संसद में पेश करने की तैयारी



माता-पिता और बुजुर्गों के भरण-पोषण से जुड़े सालों पुराने कानून में बड़े बदलाव की तैयारी में है जिसे और सख्त बनाया जाएगा। कोई व्यक्ति अब बुजुर्गों की देखभाल से मुंह नहीं मोड़ सकेगा। ऐसा न करने पर उसे छह माह की जेल और जुर्माना दोनों की सजा हो सकती है।


नई दिल्ली। बदलते सामाजिक ताने-बाने के बीच बुजुर्गों की देखभाल जहां एक बड़ी चुनौती बनते दिख रही है। वहीं सरकार माता-पिता और बुजुर्गों के भरण- पोषण से जुड़े सालों पुराने कानून में बड़े बदलाव की तैयारी में है जिसे और सख्त बनाया जाएगा। इसके तहत कोई व्यक्ति अब बुजुर्गों की देखभाल से मुंह नहीं मोड़ सकेगा। ऐसा न करने पर उसे छह माह की जेल और जुर्माना दोनों की सजा हो सकती है। इसके साथ ही बुजुर्गों को मिलने वाले गुजारा भत्ते में भी बदलाव की तैयारी है। यह भत्ता बच्चों की हैसियत और आय के हिसाब से निर्धारित होगी। अब तक इसका अधिकतम दायरा दस हजार रुपए प्रति माह ही प्रस्तावित किया गया था।



भरण पोषण से जुड़े विधेयक में बदलाव की तैयारी

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय करीब तीन साल के लंबे इंतजार के बाद माता-पिता व बुजुर्गों के भरण पोषण से जुड़े विधेयक में बदलाव को लेकर फिर से आगे बढ़ने की तैयारी में है। संसद के शीतकालीन सत्र में इसे लाने की पूरी तैयारी है। हालांकि इस विधेयक को पहली बार वर्ष 2019 में संसद में पेश किया गया था, लेकिन बाद में इसे स्टैंडिंग कमेटी को भेज दिया गया।

 मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक कमेटी के सुझाव के बाद इस विधेयक में कई अहम बदलाव किए गए है। जिसमें बुजुर्गों को भगवान भरोसे नहीं छोड़ा जाएगा। कोई इनकी सेवा नहीं करता है तो फिर सरकार उनकी देखभाल करेगी। इसके लिए देश में एक ढांचा खड़ा किया जाएगा। जिसमें प्रत्येक जिलों में बुजुर्गों की मौजूदगी को मैपिंग करते हुए मेडिकल सुविधा युक्त वृद्धाश्रमों और जिला स्तर पर एक सेल गठित होगी। जो इससे जुड़ी सुविधाओं को संचालित करेगी।



बुजुर्गों की सुरक्षा पर भी होगा ध्यान

प्रस्तावित विधेयक में इसके अलावा घरों में अकेले रहने वाले बुजुर्गों की सुरक्षा पर भी ध्यान दिया गया है। इसके तहत प्रत्येक थाने में बुजुर्गों से जुड़े मामलों को देखने और उनका पूरा ब्यौरा रखने के लिए एक सब इंस्पेक्टर या फिर उसके समकक्ष रैंक का कोई पुलिस अधिकारी नामित होगा। जो थाना क्षेत्र में रहने वाले ऐसे प्रत्येक बुजुर्ग की एक सूची रखेगा। साथ ही उनकी देखरेख करने वाले लोगों और पड़ोसियों का भी ब्यौरा रखेगा। गौरतलब है कि माता-पिता और बुजुर्गों की देखभाल से जुड़ा मौजूदा कानून वर्ष 2007 में बना था।



बेटा-बेटी ही नहीं नाती-पोते और दामाद से भी ले सकेंगे गुजारा भत्ता

प्रस्तावित विधेयक के अनुसार माता-पिता अब सिर्फ अपने जैविक बच्चों से ही गुजारा भत्ता लेने के हकदार नहीं होंगे, बल्कि अब वह नाती-पोते, दामाद या फिर ऐसे संबंधी जो उनकी संपत्ति के दावेदार होंगे, उन सभी संबंधियों से वह गुजारा भत्ता मांग सकेगा। मौजूदा समय में देश में बुजुर्गों की कुल आबादी करीब 12 करोड़ है। इसके वर्ष 2050 तक करीब 33 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। ऐसे में सरकार समय रहते बुजुर्गों से जुड़ी व्यवस्था को चाकचौबंद रखना चाहती है।

संबन्धित खबरों के लिए क्लिक करें

GO-शासनादेश NEWS अनिवार्य सेवानिवृत्ति अनुकम्पा नियुक्ति अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण अवकाश आधार कार्ड आयकर आरक्षण आवास उच्च न्यायालय उच्‍च शिक्षा उच्चतम न्यायालय उत्तर प्रदेश उत्तराखण्ड उपभोक्‍ता संरक्षण एरियर एसीपी ऑनलाइन कर कर्मचारी भविष्य निधि EPF कामधेनु कारागार प्रशासन एवं सुधार कार्मिक कार्यवाही कृषि कैरियर कोर्टशाला कोषागार खाद्य एवं औषधि प्रशासन खाद्य एवम् रसद खेल गृह गोपनीय प्रविष्टि ग्रामीण अभियन्‍त्रण ग्राम्य विकास ग्रेच्युटी चतुर्थ श्रेणी चयन चिकित्सा चिकित्‍सा एवं स्वास्थ्य चिकित्सा प्रतिपूर्ति छात्रवृत्ति जनवरी जनसुनवाई जनसूचना जनहित गारण्टी अधिनियम धर्मार्थ कार्य नकदीकरण नगर विकास निबन्‍धन नियमावली नियुक्ति नियोजन निर्वाचन निविदा नीति न्याय न्यायालय पंचायत चुनाव 2015 पंचायती राज पदोन्नति परती भूमि विकास परिवहन पर्यावरण पशुधन पिछड़ा वर्ग कल्‍याण पीएफ पुरस्कार पुलिस पेंशन प्रतिकूल प्रविष्टि प्रशासनिक सुधार प्रसूति प्राथमिक भर्ती 2012 प्रेरक प्रोबेशन बजट बर्खास्तगी बाट माप बेसिक शिक्षा बैकलाग बोनस भविष्य निधि भारत सरकार भाषा मत्‍स्‍य मंहगाई भत्ता महिला एवं बाल विकास माध्यमिक शिक्षा मानदेय मानवाधिकार मान्यता मुख्‍यमंत्री कार्यालय युवा कल्याण राजस्व राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद राज्य सम्पत्ति राष्ट्रीय एकीकरण रोक रोजगार लघु सिंचाई लोक निर्माण लोक सेवा आयोग वरिष्ठता विकलांग कल्याण वित्त विद्युत विविध विशेष भत्ता वेतन व्‍यवसायिक शिक्षा शिक्षा शिक्षा मित्र श्रम सचिवालय प्रशासन सत्यापन सत्र लाभ सत्रलाभ समन्वय समाज कल्याण समाजवादी पेंशन समारोह सर्किल दर संवर्ग संविदा संस्‍थागत वित्‍त सहकारिता सातवां वेतन आयोग सामान्य प्रशासन सार्वजनिक उद्यम सार्वजनिक वितरण प्रणाली सिंचाई सिंचाई एवं जल संसाधन सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम सूचना सेवा निवृत्ति परिलाभ सेवा संघ सेवानिवृत्ति सेवायोजन सैनिक कल्‍याण स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन स्थानांतरण होमगाडर्स