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Wednesday, June 15, 2022

दान में दी गई अचल सम्पत्ति पर स्टाम्प में छह माह छूट की अधिसूचना जारी

अब अपनों के बीच नहीं होगा संपत्‍त‍ि का व‍िवाद, योगी सरकार ने जारी क‍िया पांच हजार में रजिस्ट्री का आदेश


उत्‍तर प्रदेश में भी अब अपनों के नाम पर संपत्‍त‍ि ग‍िफ्ट करने पर पांच हजार रुपये के स्टांप पर रजिस्ट्री की सुविधा प्रदान कर दी गई है। योगी आदित्यनाथ की बैठक में स्टांप ड्यूटी से छूट देने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी के बाद इसके आदेश जारी कर द‍िए गए है।


अब अपनों के बीच नहीं होगा संपत्‍त‍ि का व‍िवाद, योगी सरकार ने जारी क‍िया पांच हजार में रजिस्ट्री का आदेश, छह महीने के लिए मिलेगी स्टांप शुल्क में छूट।


लखनऊ । प्रदेश सरकार ने संपत्ति अपनों के नाम करने के लिए गिफ्ट डीड (दान विलेख) में पांच हजार रुपये के स्टांप पर रजिस्ट्री की सुविधा प्रदान कर दी है। शनिवार को स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग की प्रमुख सचिव वीना कुमारी ने इसके आदेश जारी कर दिए। यह योजना छह माह के लिए लागू की गई है।


दान विलेख के दायरे में आने वाले पारिवारिक सदस्यों में पिता, माता, पति, पत्नी, पुत्र, पुत्री, पुत्रवधु, दामाद, सगा भाई, सगी बहन, पुत्र व पुत्री का बेटा-बेटी आएंगे। स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग ने इसकी अधिसूचना शनिवार 18 जून को जारी कर दी है। यह लाभ छह महीने तक मिलेगा। अभी ऐसे मामलों में संपत्ति के विक्रय विलेख (सेल डीड) की रजिस्ट्री के तहत संपत्ति के मूल्य का आठ प्रतिशत तक स्टांप व निबंधन शुल्क देना होता है। इससे पारिवारिक संपत्ति के मामलों में मुकदमेबाजी भी घटेगी।


गौरतबलब है क‍ि छूट की यह सुविधा महाराष्ट्र, कर्नाटक व मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में पहले से ही थी। अभी तक उत्तर प्रदेश में यह छूट नहीं दी जा रही थी। बता दें क‍ि भारतीय स्टांप अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार प्रदेश सरकार को ऐसी छूट देने का अधिकार है।


दान विलेख के दायरे में आने वाले पारिवारिक सदस्यों में पिता, माता, पति, पत्नी, पुत्र, पुत्री, पुत्रवधु, दामाद, सगा भाई, सगी बहन, पुत्र व पुत्री के बेटा-बेटी आएंगे। अचल संपत्तियों के ट्रांसफर से संबंधित विलेखों पर छूट का लाभ स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग द्वारा अधिसूचना जारी होने की तिथि से दिया जाएगा। छूट के बाद राजस्व व रजिस्ट्री पर पडऩे वाले प्रभाव का अध्ययन कर समय-सीमा छह माह से आगे बढ़ाने पर भी विचार किया जाएगा। छूट देने से राज्य सरकार को लगभग 200 करोड़ रुपये सालाना नुकसान होने का अनुमान है।


घटेगी मुकदमेबाजी : परिवार के स्वामी, पारिवारिक सदस्यों के पक्ष में वसीयत कर देते हैं। चूंकि स्वामी की मृत्यु के बाद ही वसीयत प्रभावी होती है इसलिए कई बार वसीयत निष्पादित होने के मामलों में विवाद की स्थिति पैदा हो जाती है। ऐसे में मुकदमेबाजी कम करने के लिए राज्य विधि आयोग ने सरकार से दूसरे राज्यों की तरह यहां भी छूट देने की सिफारिश पिछले वर्ष की थी।


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दान में दी गई अचल सम्पत्ति पर स्टाम्प में छह माह छूट की अधिसूचना जारी

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लखनऊ :  प्रदेश सरकार ने दान में दी गयी अचल सम्पत्ति पर स्टाम्प शुल्क में छूट देने का फैसला किया है। रविवार को इस बारे में स्टाम्प एवं पंजीयन विभाग की प्रमुख सचिव वीना कुमारी ने अधिसूचना जारी की।


इस अधिसूचना के अनुसार रक्त संबंधों में दान में दी गयी ऐसी अचल सम्पत्ति की रजिस्ट्री पर अधिकतम पांच हजार रुपये का स्टाम्प शुल्क लगेगा जिसका अन्तरण परिवार के सदस्यों पिता, माता, पति, पत्नी, पुत्र, पुत्री, पुत्रवधु,, दामाद, सगा भाई, सगी बहन, पुत्र/पुत्र का पुत्र या पुत्री के पक्ष में किया जाएगा। यह छूट सिर्फ अगले छह माह के लिए लागू रहेगी।


पारिवारिक विवाद बढ़ने की आशंका: विभाग के पूर्व अधिकारियों का कहना है कि इस नई व्यवस्था से पारिवारिक विवाद बढ़ेंगे और सरकार को राजस्व की क्षति भी होगी। परिवार में कोई एक सदस्य, अन्य सदस्यों की सहमति या अनुमति लिये बगैर सिर्फ रक्त सम्बंध का आधार लेकर अचल सम्पत्ति के स्वामी से उक्त अचल सम्पत्ति सिर्फ पांच हजार रूपये के स्टाम्प शुल्क पर अपने नाम अंतरित करवा सकेगा। ऐसी सम्पत्ति के अंतरण पर लाखों रुपये का स्टाम्प शुल्क लगा करता था जिसमें अब छूट दे दी गयी है जिससे राजस्व की क्षति होगी।


उधर, कुछ अधिकारियों का कहना है कि इस नयी व्यवस्था से परिवार में अचल सम्पत्ति का बैनामा आसानी से हो सकेगा। लाखों रुपये के स्टाम्प शुल्क नहीं देने होंगे, अदालत में चल रहे सम्पत्ति विवाद की संख्या कम हो जाएगी।



प्रदेश के स्टांप पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  रविन्द्र जायसवाल ने कहा है कि यह प्रदेश सरकार द्वारा जनहित में लिया गया एक महत्वपूर्ण फैसला है।

यदि प्रदेश का कोई व्यक्ति अपनी अर्जित संपत्ति अपने रक्त संबंधियों के नाम करना चाहे तो उसे इसके लिए अब स्टांप ड्यूटी की अधिकतम सीमा 5000 रुपये कर दी गई है। फिलहाल छह माह के लिए इस व्यवस्था को लागू किया गया है।

प्रदेश के स्टांप पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  रविन्द्र जायसवाल ने कहा है कि यह प्रदेश सरकार द्वारा जनहित में लिया गया एक महत्वपूर्ण फैसला है। वर्तमान में पिता द्वारा अपने माता, पिता, पति, पत्नी, पुत्र, पुत्री, पुत्रवधू, दामाद, सगा भाई, सगी बहन, पुत्र तथा पुत्री के पुत्र, पुत्रियां आदि को अपनी स्वअर्जित अचल संपत्ति दान करनी हो तो उसे अधिकतम 5000 रुपये का शुल्क देकर आसानी से दान कर सकता है। अब तक अर्जित संपत्ति को परिजनों को दान करने पर संपत्ति को बेचने पर लगने वाले शुल्क के बराबर राशि जमा करनी पड़ती थी। 

गत दिवस कैबिनेट में इस फैसले को मंजूरी दी गई। उन्होंने बताया कि शुरू में यह छूट केवल 06 माह के लिए दी जाएगी। उसके बाद समीक्षा करके इसकी अवधि को बढ़ाया जा सकता है। अचल संपत्ति के दान विलेख पर दी गई इस छूट से भूमि की उपयोगिता को बढ़ाया जा सकेगा तथा अदालतों में दायर होने वाले संबंधित मुकदमों में भी भारी कमी आएगी।


लखनऊ। राज्य सरकार ने संपत्ति अपनों के नाम करने के लिए गिफ्ट डीड (दान विलेख) में 6000 रुपये में रजिस्ट्री करने की सुविधा दे दी है। इसमें 5000 रुपये का स्टांप लगेगा और 1000 रुपये प्रोसेसिंग शुल्क लिया जाएगा। शुरुआती दौर में यह लाभ छह महीने के लिए दिया जाएगा। सीएम की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ।



सरकार को 200 करोड़ का नुकसान होगा: गिफ्ट डीड के दायरे में पारिवारिक सदस्यों में पिता, माता, पति, पत्नी, पुत्र, पुत्री, पुत्रवधु, दामाद, सगा भाई, सगी बहन, पुत्र व पुत्री का बेटा बेटी आएंगे। छूट का लाभ स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग द्वारा अधिसूचना जारी होने की तिथि से दिया जाएगा। राजस्व व रजिस्ट्रियों पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन कर समय-सीमा छह माह से आगे बढ़ाने पर विचार होगा। इस योजना से राज्य सरकार को प्रति वर्ष 200 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा।

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