Searching...
Tuesday, December 5, 2017

आंगनबाड़ी केन्द्र में निर्धारित होती है गर्भवती महिला, बच्चे और किशोरी के लिए पोषाहार, राज्य पोषाहार में गड़बड़ी को रोके केंद्र

7:35 AM

बच्चों की जांच में दिक्कत

नई दिल्ली। पंकज कुमार पाण्डेयकेंद्र सरकार ने पोषाहार योजना के तहत राज्यों में हो रही गड़बड़ी को रोकने के लिए रजिस्टर में फर्जी इंट्री की जांच करने को कहा है। असम में मामला पकड़ में आने के बाद सभी राज्यों से रिपोर्ट मांगी गई है। महिला और बाल विकास मंत्रलय में सचिव राकेश श्रीवास्तव ने कहा कि हमने सभी राज्यों से ब्यौरा मांगा है। क्योंकि रजिस्टर में बच्चों की फर्जी इंट्री करके पोषाहार वितरण में गड़बड़ी से रोज लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है।

मजबूत तंत्र बनाने को कहा : महिला व बाल विकास मंत्रलय के सूत्रों ने कहा कि हमारे लिए सही तरीके से लोगों तक लाभ पहुंचाना चुनौती है, क्योंकि राज्यों में गड़बड़ी हो रही है। अगर असम की तरह अन्य राज्यों में भी ऐसे मामलों की पुष्टि हुई तो बड़ा गड़बड़झाला सामने आ सकता है।महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने बताया था कि असम में जांच के बाद करीब तीन लाख बच्चे फर्जी पाए गए। इससे हर रोज तीस लाख रुपये का नुकसान होने की आशंका जताई है। सचिव ने कहा कि अगर तीन लाख बच्चे फर्जी हैं तो इसका मतलब हर रोज करीब 30 लाख रुपये की गड़बड़ी हो रही है। उन्होंने कहा कि हमने सभी राज्यों से कहा है कि वे गड़बड़ी रोकने के लिए जिला स्तर पर मजबूत तंत्र बनाएं।
महिला और बाल विकास मंत्रलय के सूत्रों ने कहा कि हमें पूरी तरह लीकेज रोकने के लिए कड़े इंतजाम करने होंगे। पांच साल से कम बच्चों का आधार बनाना मुश्किल काम है। फिलहाल आईसीडीएस के तहत जन्म से पांच साल तक के बच्चों का भी आधार नंबर लिया जा रहा है। उनका रिकॉर्ड उनकी मां से मिलान करके पोषाहार योजना के तहत लाभ वितरित किया जा रहा है। जिन बच्चों का आधार नंबर लिया जा रहा है उनका बायोमीट्रिक्स पांच साल की उम्र के बाद लिया जाएगा। योजना में अभी 50} के करीब ही लाभार्थियों को आधार से जोड़ा जा सका है।अन्य विकल्प से करें जांचसरकार ने राज्यों से कहा है कि उनके पास सही लाभार्थी का चयन करने के लिए कई तरह के विकल्प हैं। आधार न होने की स्थिति में अन्य पहचान पत्र से मिलान कर लें। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के जरिए लाभार्थी की जांच कराके अचानक अन्य एजेंसियों से क्रास चेक भी करवाया जा सकता है।कमी की शिकायतेंपटना जिले में 850 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित हो रहे हैं। आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण केन्द्रों में पोषाहार की कमी की शिकायत कई बार मिली है। एक आंगनबाड़ी केन्द्र में निर्धारित गर्भवती महिला, बच्च और किशोरी के लिए पोषाहार की मात्र निर्धारित होती है।

संबन्धित खबरों के लिए क्लिक करें

GO-शासनादेश NEWS अनिवार्य सेवानिवृत्ति अनुकम्पा नियुक्ति अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण अवकाश आधार कार्ड आयकर आरक्षण आवास उच्च न्यायालय उच्‍च शिक्षा उच्चतम न्यायालय उत्तर प्रदेश उत्तराखण्ड उपभोक्‍ता संरक्षण एरियर एसीपी ऑनलाइन कर कर्मचारी भविष्य निधि EPF कामधेनु कारागार प्रशासन एवं सुधार कार्मिक कार्यवाही कृषि कैरियर कोर्टशाला कोषागार खाद्य एवं औषधि प्रशासन खाद्य एवम् रसद खेल गृह गोपनीय प्रविष्टि ग्रामीण अभियन्‍त्रण ग्राम्य विकास ग्रेच्युटी चतुर्थ श्रेणी चयन चिकित्सा चिकित्‍सा एवं स्वास्थ्य चिकित्सा प्रतिपूर्ति छात्रवृत्ति जनवरी जनसुनवाई जनसूचना जनहित गारण्टी अधिनियम धर्मार्थ कार्य नकदीकरण नगर विकास निबन्‍धन नियमावली नियुक्ति नियोजन निर्वाचन निविदा नीति न्याय न्यायालय पंचायत चुनाव 2015 पंचायती राज पदोन्नति परती भूमि विकास परिवहन पर्यावरण पशुधन पिछड़ा वर्ग कल्‍याण पीएफ पुरस्कार पुलिस पेंशन प्रतिकूल प्रविष्टि प्रशासनिक सुधार प्रसूति प्राथमिक भर्ती 2012 प्रेरक प्रोबेशन बजट बर्खास्तगी बाट माप बेसिक शिक्षा बैकलाग बोनस भविष्य निधि भारत सरकार भाषा मकान किराया भत्‍ता मत्‍स्‍य मंहगाई भत्ता महिला एवं बाल विकास माध्यमिक शिक्षा मानदेय मानवाधिकार मान्यता मुख्‍यमंत्री कार्यालय युवा कल्याण राजस्व राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद राज्य सम्पत्ति राष्ट्रीय एकीकरण रोक रोजगार लघु सिंचाई लोक निर्माण लोक सेवा आयोग वरिष्ठता विकलांग कल्याण वित्त विद्युत विविध विशेष भत्ता वेतन व्‍यवसायिक शिक्षा शिक्षा शिक्षा मित्र श्रम सचिवालय प्रशासन सत्यापन सत्र लाभ सत्रलाभ समन्वय समाज कल्याण समाजवादी पेंशन समारोह सर्किल दर संवर्ग संविदा संस्‍थागत वित्‍त सहकारिता सातवां वेतन आयोग सामान्य प्रशासन सार्वजनिक उद्यम सार्वजनिक वितरण प्रणाली सिंचाई सिंचाई एवं जल संसाधन सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम सूचना सेवा निवृत्ति परिलाभ सेवा संघ सेवानिवृत्ति सेवायोजन सैनिक कल्‍याण स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन स्थानांतरण होमगाडर्स