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Saturday, August 3, 2019

इस बार जनगणना करने वाले कर्मी पेन के बजाय एप पर सीधे भरेंगे डेटा, जनगणना के लिए डाऊनलोड करने होंगे दो एप

इस बार जनगणना करने वाले कर्मी पेन के बजाय एप पर सीधे भरेंगे डेटा,  जनगणना के लिए डाऊनलोड करने होंगे दो एप


नई दिल्ली : इस बार जनगणना 2021 में फाइनल डेटा आने के लिए केवल 4 से 5 साल का ही समय लगेगा, क्योंकि यह पहली बार है जब जनगणना में डिजिटलाइजेशन का इस्तेमाल किया जा रहा है। पहले फाइनल डेटा आने में करीब 10 साल लग जाते थे। इससे यह फायदा होगा कि जनगणना के आंकड़ों का इस्तेमाल करके सरकार तेजी के साथ लोगों के लिए पॉलिसी बना सकेगी। 


2011 की जनगणना के आंकड़े अभी तक आ रहे हैं। गृह मंत्रालय के तहत आने वाले रजिस्ट्रार जनरल एंड सेंसेस कमिशन ऑफ इंडिया के उच्च सूत्रों के मुताबिक 2021 की जनगणना में कई नए कदम उठाए गए हैं। 2011 की जनगणना के लिए जहां 27 लाख लोगों को लगाया गया था वहीं इस बार 31 लाख लोगों को लगाया जा रहा है। पहले सिर्फ पेपर पर सारी सूचनाएं एक फॉर्म में भरी जाती थीं। 


इस बार जनगणना करने वालों को अपने मोबाइल पर जनगणना के दो ऐप डाउनलोड करने होंगे। एक ऐप जनगणना के लिए है और दूसरा हाउस लिस्टिंग के लिए होगा। डेटा लीक न हो इसके लिए सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जा रहा है, जनगणना करने वाले इन सरकारी कर्मचारियों को पहले खुद को रजिस्टर्ड करना होगा। इस बार कोडिंग के जरिए यह काम पूरा होगा। सरकार ने फैसला लिया है कि पहले सारा डेटा मैन्युअल होता था इस बार जनगणना करने वाले ही डेटा की एंट्री करेंगे, उसके लिए उन्हें अलग से पैसा मुहैया कराया जाएगा। 


डिजिटाइलेशन के तहत एक वेब पोर्टल बनाया गया है, जहां जनगणना करने वाला अपने आपको रजिस्टर्ड कराएगा, बाद में जो डेटा वह एंट्री करेगा वह सीधे जनगणना कार्यालय तक पहुंच जाएगा। इससे काफी समय बचेगा।




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