Searching...
Thursday, September 1, 2016

सातवें वेतन आयोग से बढ़ेगा 30 हजार करोड़ का खर्च, इस साल कर्मचारियों को बढ़ा वेतन और अगले साल एरियर देने का प्रस्ताव

लखनऊ: सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने की स्थिति में प्रदेश सरकार का तीस हजार करोड़ रुपये वार्षिक के आसपास खर्च बढ़ने की उम्मीद है। गठित पटनायक समिति ने बुधवार को प्रदेश की वित्तीय स्थिति का आकलन किया तो इस साल कर्मचारियों को बढ़ा वेतन और अगले साल एरियर देने का प्रस्ताव किया गया।

प्रदेश सरकार द्वारा सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें स्वीकार किये जाने के बाद सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी गोपबंधु पटनायक को वित्त विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि कर्मचारियों के वेतन व पेंशन आदि मदों में लगातार खर्च बढ़ रहा है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने की स्थिति के मद्देनजर जो औसत आकलन किया गया था, उसके अनुसार पहले साल 26,573 करोड़ और फिर हर साल 22,778 करोड़ रुपये वार्षिक खर्च का अनुमान था। इस बीच केंद्र सरकार द्वारा स्वीकार की गयी सिफारिशों का दोबारा अध्ययन करने पर पाया गया कि सिफारिशों को अमल में लाने पर औसतन तीस हजार करोड़ रुपये वार्षिक खर्च बढ़ेगा।

वेतन समिति ने सभी कर्मचारियों की श्रेणीवार व वेतनमान के आधार पर अलग-अलग संख्या और सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें स्वीकार करने की स्थिति में पड़ने वाले असर के साथ विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। कहा गया है कि हर स्तर पर औसत वेतन वृद्धि का आकलन किया जाए। बैठक में प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप तीन माह के भीतर अंतरिम रिपोर्ट देने की चर्चा हुई तो कहा गया कि यदि दीवाली या उसके आसपास अंतरिम सिफारिशें स्वीकार की जाती हैं तो मौजूदा वित्तीय वर्ष में अधिकतम चार माह का वेतन देना पड़ेगा। इस परिप्रेक्ष्य में प्रस्ताव किया गया कि इस साल बढ़ा हुआ वेतन दे दिया जाए और अगले वित्तीय वर्ष में एरियर देने का प्रावधान किया जाए।

एक और अनुपूरक बजट ! : बैठक में शामिल अधिकारियों के मुताबिक प्रदेश सरकार ने मूल बजट में सातवें वेतन आयोग के लिए धन आवंटित कर दिया था। इसके बावजूद यदि समीक्षा समिति की सिफारिशों के मद्देनजर अधिक धन के आवंटन की जरूरत पड़ती है तो एक और अनुपूरक बजट लाया जा सकता है। चुनावी साल होने के कारण अन्य खर्चो के लिए भी सरकार एक और अनुपूरक बजट ला सकती है और उसमें सातवें वेतन आयोग के लिए जरूरी धन का इंतजाम भी जोड़ा जा सकता है

संबन्धित खबरों के लिए क्लिक करें

GO-शासनादेश NEWS अनिवार्य सेवानिवृत्ति अनुकम्पा नियुक्ति अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण अवकाश आधार कार्ड आयकर आरक्षण आवास उच्च न्यायालय उच्‍च शिक्षा उच्चतम न्यायालय उत्तर प्रदेश उत्तराखण्ड उपभोक्‍ता संरक्षण एरियर एसीपी ऑनलाइन कर कर्मचारी भविष्य निधि EPF कामधेनु कारागार प्रशासन एवं सुधार कार्मिक कार्यवाही कृषि कैरियर कोर्टशाला कोषागार खाद्य एवं औषधि प्रशासन खाद्य एवम् रसद खेल गृह गोपनीय प्रविष्टि ग्रामीण अभियन्‍त्रण ग्राम्य विकास ग्रेच्युटी चतुर्थ श्रेणी चयन चिकित्सा चिकित्‍सा एवं स्वास्थ्य चिकित्सा प्रतिपूर्ति छात्रवृत्ति जनवरी जनसुनवाई जनसूचना जनहित गारण्टी अधिनियम धर्मार्थ कार्य नकदीकरण नगर विकास निबन्‍धन नियमावली नियुक्ति नियोजन निर्वाचन निविदा नीति न्याय न्यायालय पंचायत चुनाव 2015 पंचायती राज पदोन्नति परती भूमि विकास परिवहन पर्यावरण पशुधन पिछड़ा वर्ग कल्‍याण पीएफ पुरस्कार पुलिस पेंशन प्रतिकूल प्रविष्टि प्रशासनिक सुधार प्रसूति प्राथमिक भर्ती 2012 प्रेरक प्रोबेशन बजट बर्खास्तगी बाट माप बेसिक शिक्षा बैकलाग बोनस भविष्य निधि भारत सरकार भाषा मकान किराया भत्‍ता मत्‍स्‍य मंहगाई भत्ता महिला एवं बाल विकास माध्यमिक शिक्षा मानदेय मानवाधिकार मान्यता मुख्‍यमंत्री कार्यालय युवा कल्याण राजस्व राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद राज्य सम्पत्ति राष्ट्रीय एकीकरण रोक रोजगार लघु सिंचाई लोक निर्माण लोक सेवा आयोग वरिष्ठता विकलांग कल्याण वित्त विद्युत विविध विशेष भत्ता वेतन व्‍यवसायिक शिक्षा शिक्षा शिक्षा मित्र श्रम सचिवालय प्रशासन सत्यापन सत्र लाभ सत्रलाभ समन्वय समाज कल्याण समाजवादी पेंशन समारोह सर्किल दर संवर्ग संविदा संस्‍थागत वित्‍त सहकारिता सातवां वेतन आयोग सामान्य प्रशासन सार्वजनिक उद्यम सार्वजनिक वितरण प्रणाली सिंचाई सिंचाई एवं जल संसाधन सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम सूचना सेवा निवृत्ति परिलाभ सेवा संघ सेवानिवृत्ति सेवायोजन सैनिक कल्‍याण स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन स्थानांतरण होमगाडर्स