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Monday, August 24, 2015

रिटायरमेंट पर लगेगा जोर का झटका, पदावनति के बाद सेवानिवृत्त होने वाले इन कर्मचारियों के बारे में शासनादेश में स्थिति स्पष्ट नहीं

  • रिटायरमेंट पर लगेगा जोर का झटका

कोटे के तहत पदोन्नत वेतनमान का लाभ पाने वाले कर्मचारियों को जोर का झटका धीरे से लगने जा रहा है। पदोन्नति में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने जो रोक लगाई, उसके बचाव में सरकार ने पदावनत कर्मचारियों को पदोन्नत वेतन ही देने का जो फैसला किया है इससे कर्मचारियों को नुकसान होगा। इसके पीछे कारण यह है कि सरकार उनके घटे वेतन की भरपाई वैयक्तिक वेतन के रूप में कर रही है, जिसकी गणना रिटायरमेंट में नहीं होगी। इससे हर कर्मचारी को लाखों रुपये का नुकसान होगा।


सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मुख्य सचिव आलोक रंजन ने 21 अगस्त को शासनादेश जारी किया, जिसमें कहा गया है कि आरक्षित श्रेणी के किसी भी कर्मचारी का वेतन पदावनति होने के बावजूद प्रोन्नतकर्मियों से कम नहीं होगा। मसलन पदावनति होने वाले कर्मचारियों का मौजूदा वेतन और पदावनति पद के वेतन के अंतर की धनराशि को वैयक्तिक वेतन के रूप में दिया जाएगा, लेकिन पदावनति के बाद सेवानिवृत्त होने वाले इन कर्मचारियों के बारे में शासनादेश में स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है, जबकि वैयक्तिक वेतन के रूप में दी जा रही धनराशि भविष्य में प्राप्त होने वाली वेतनवृद्धि से समायोजित किए जाने का प्रावधान है। आदेश में ऐसा न होने से सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को लाखों की क्षति होगी।


  • ऐसे होगा नुकसान :
यदि किसी कर्मचारी को (पे बैंड और पे ग्रेड मिलाकर) 12 हजार रुपये मिल रहा है। मगर पदावनति के फलस्वरूप उसी पद पर पे बैंड और पे ग्रेड नौ हजार रुपये हो जाएगा। जो तीन हजार का अंतर है, वह वैयक्तिक वेतन के रूप में मिलेगा, पर सेवानिवृत्त के बाद जो पेंशन, ग्रेच्युटी, राशिकरण, अवकाश नकदीकरण आदि राशि बनेगी। उसके लिए नौ हजार रुपये के वेतन को ही आधार बनाया जाएगा। इससे इन कर्मचारियों को लाखों का नुकसान होगा।

  • स्पष्ट हो रिटायरमेंट के बाद की स्थिति
शासनादेश में रिटायरमेंट की स्थिति अस्पष्ट होने से कर्मचारी नेता खफा हैं। उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के चेयरमैन हनुमान प्रसाद श्रीवास्तव का कहना है कि जिस तरह कर्मचारियों के पदावनति होने पर वेतन कम न होने का आदेश किया गया है। उसी तरह पदावनत होने वाले कर्मचारियों के सेवानिवृत्त के बाद की भी स्थिति स्पष्ट की जानी चाहिए।

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