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Monday, May 4, 2015

शासनादेश को दबाने से बाज नहीं आ रहे हाकिम, जनता की पहुंच में नहीं आ पा रहे सरकार के फैसले : मुख्य सचिव ने प्रमुख सचिवों व सचिवों को जीओ ऑनलाइन कराने के दिए निर्देश

  • शासनादेश को दबाने से बाज नहीं आ रहे हाकिम
  • जनता की पहुंच में नहीं आ पा रहे सरकार के फैसले
  • सरकार की बात मानने को तैयार नहीं अफसर
  • मुख्य सचिव ने प्रमुख सचिवों व सचिवों को जीओ ऑनलाइन कराने के दिए निर्देश 
लखनऊ। सरकार आदेश पर आदेश करती जा रही है लेकिन विभाग शासनादेशों को छुपाने से बाज नहीं आ रहे। बार-बार की लिखा-पढ़ी के बावजूद कार्यवाही में मनमानी पर मुख्य सचिव ने नाराजगी जताई है। प्रमुख सचिवों व सचिवों को तय फोंट व प्रक्रिया के अनुसार शासनादेशों को ऑनलाइन जारी कराने की हिदायत दी है।
शासन में किसी मामले में निर्णय व शासनादेश (जीओ) जारी करने की जितनी लंबी व उलझाऊ प्रक्रिया है, उससे ज्यादा मुश्किल उसे पब्लिक डोमेन में उपलब्ध कराना। जानकार बताते हैं कि विभागों में जो शासनादेश ढूंढने पर भी नहीं मिलते वे आदेश बापू भवन चौराहे पर चक्कर काटने वाले कई लोग बड़ी आसानी से उपलब्ध करवा देते थे। बशर्ते इसकी एवज में उनको मुंहमांगी कीमत मिलनी चाहिए। इनकी साठगांठ अंदर तक होती थी। यह कारोबार लंबे अर्से तक खूब फला-फूला।



शासनादेशों को छिपाने का खेल एक तरह के धंधे में बदल गया था। सपा सरकार ने इस तंत्र को तोड़ने की पहल की। व्यवस्था बनाई कि सभी शासनादेश ऑनलाइन ही जारी किए जाएंगे। यह भी स्पष्ट कर दिया गया कि ऑनलाइन जारी जीओ ही वैध माने जाएंगे। सरकार ने इसके लिए विभागों के कर्मियों को प्रशिक्षण दिलाया। इस व्यवस्था को पुख्ता व त्रुटिरहित बनाने के लिए मुख्य सचिव स्तर से कई बार लिखा-पढ़ी की गई। नतीजा ये हुआ कि काफी विभाग शासनादेशों को ऑनलाइन जारी करने लगे, लेकिन तमाम महत्वपूर्ण शासनादेशों को दबाने का खेल अब भी चल रहा है। नतीजा ये होता है कि सरकार के तमाम आदेश आम लोगों की पहुंच में ही नहीं आ पाते।

मुख्य सचिव आलोक रंजन ने विभागों के इस रवैये का खुलासा खुद किया है। उन्होंने अपने पूर्व के जारी कई आदेशों का हवाला देते हुए कहा है कि इतने प्रयासों के बाद भी कई विभाग शासनादेश ऑनलाइन जारी नहीं कर रहे हैं। यही नहीं, कई शासनादेश ऐसे सामने आते हैं जिनका फोंट गलत होता है और लोग उन्हें पढ़ ही नहीं पाते। मुख्य सचिव ने विभागों के इस रवैये पर कड़ी नाराजगी जताई है। मुख्य सचिव ने प्रमुख सचिवों व सचिवों को व्यक्तिगत रूप से यह देखने की हिदायत दी है कि उनके विभाग के सभीशासनादेश ऑनलाइन ही जारी हो रहे हैं।


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